Friday, May 20, 2011

jasvinder dhani - Tribute to Punjabi Poets 14

गज़ल

शहर तेरे है सांझ ढली
गले लग रोई तेरी हर गली
यादों में बार बार है सुलगें
हथेलियां तेरी मेंहदी लगी
तेल तो डाला चम्‍मच भर-भर
माथे की न ज्‍योति जली
ईश्‍क मेरे की सालगिरह पर
किसने भेजी ये काली कली
शिव को यार जब आये जलाने
सितम तेरे की ही बात चली

शिवकुमार बटालवी द्वारा पंजाबी में लिख ‘’संपूर्ण काव्‍य संग्रह’’ में से एक गज़ल का जसविन्‍दर धनी द्वारा हिन्‍दी रूपान्‍तर






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